Yug Purush

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8TH SEMESTER ! भाग- 53 ( Next Morning-2)

"यही तीनो है सर जी..जिन्होने हमारा लेखा जोखा वाला कॉपी मार के ले गये रहीं कल रात के..."

"इसका समान इसे वापस करो..."कड़कती हुई आवाज़ मे डायरेक्टर cum प्रिंसिपल ने हमें हड़का ...

"यस सर , हॉस्टल  मे रक्खी है..."अरुण ने जवाब दिया,..

"तुम इनके साथ हॉस्टल  जाओ और अपना समान लेकर चलते बनो इधर से..."शराब दुकान वाले को भी हड़काते हुए प्रिंसिपल बोला...

हम तीनो वहाँ से निकल ही रहे थे कि उस महा बकलोल  दारू दुकान वाले ने अपना सड़ा सा मूह फाड़ कर प्रिन्सिपल से बोला"एक  बोतल का धन राशि भी नही मिला है, सर जी.. वो भी दिलवा देते तो..."

"Get Lost ..."प्रिंसिपल फिर गरजा

"क्यूँ बे साले... अकल के अंधे... दारू बेचते बेचते अपना दिमाग़ भी बेच दिया क्या...?..जो तू वहाँ दारू के पैसे माँगने लगा..कुत्ते, साले "अकड़ दिखाते हुए मैने उस दारू वाले से कहा...

"सुन बे, दोबारा उस एरिया मे तू दिख भी मत जाना,वरना वही पर कत्ल कर देब..."वो भी अकड़ कर बोला...

"जा बेटा, अब ना तो तुझे तेरी वो कॉपी मिलेगी और ना ही तेरे एक  बोतल का धन..."

"वापस जाउ सर के पास...?"

"मैं तो मज़ाक कर रहा था... यार..."तुरंत अपने तेवर बदल कर मैने कहा"तू तो बुरा मान गया यार....भाई है तू अपना "

उसके बाद हमने उस दारू वाले को पैसे और उसकी कॉपी दी और बैग  उठाकर कॉलेज पहुचे.... क्लास मे घुसे तो लड़को ने बोला की प्रिन्सिपल सर ने हम तीनो को फिर  बुलाया है, ये सुनकर रोम रोम कांप गया और ये डर सताने लगा कि प्रिन्सिपल ये खबर कही घर मे ना दे दे, वरना अच्छि ख़ासी पिटाई होगी .....

"हे भगवान,अबकी बार बचा ले...कसम से आज के बाद दारू शब्द भी मूह से नही निकालूँगा...शनिवार और मंगलवार को शुद्ध शाकाहारी खाना खाउन्गा... वैसे भी  मै शाकाहारी ही तो हूँ... फिर..? ओके.. अगले जन्म मे भी शाकाहारी रहूँगा.बस इस बार बचा लो . प्लीज.. प्लीज... प्लीज भगवान जी.."मैं उस वक़्त प्रिन्सिपल के सामने खड़ा होकर यहीं सोच रहा था और यदि मैं सही हूँ तो यही हालत अरुण और bhu की भी थी.....

"तुम तीनो मे से अरमान कौन है..."कुछ लिखते हुए प्रिन्सिपल ने पुछा...

"सर मैं..."

"घर का नंबर बताओ..."

"जी..."

"अगले 10 सेकेंड के अंदर 10 डिजिट का अपने घर का मोबाइल नंबर बताओ..."

"93403168xx....लेकिन क्यूँ सर...?"

"अब ये भी बताऊ....?"अपना सर उपर करके प्रिन्सिपल सर मुझपर चिल्लाए और बोले

"कल रात को भी तुम तीनो ने बहुत हंगामा किया...और साला, तुम लोगो ने इस कॉलेज को बना के क्या रक्खा है...जहाँ एक दारू वाला अपने पैसे माँगने आता है...? अभी निकाल के फेकता हूँ इस कॉलेज से तुम तीनो को... कर चुके हो तुम लोग इंजीनियरिंग... इंजीनियर.. इस शब्द का कुछ रुतबा, कुछ ओहदा हुआ करता था.. लोग अदब से नाम लेते थे.. यदि उन्हें मालूम चल जाता था की सामने वाला शख्स एक इंजीनियर है.. अब देखो... ."

"सॉरी सर...."

"रोल नंबर. क्या है..."पेल के चिल्लाने के बाद सामने रखा पानी वाला गिलास उठाते हुए उन्होने पुछा और जब मैने उन्हे अपना रोल नंबर. बताया तो सामने कंप्यूटर मे कुछ देखने लगे "पढ़ने मे तो अच्छे हो..."

"यस  सर.. थैंक यू सर...और कसम से सर...  आगे से ऐसा कुछ भी नही करूँगा, सर ...आप बोलॉगे तो मैं उस रास्ते भी नही जाउन्गा, सर... मैं सूर्यवंशी हूँ... खुद पूजा पाठ वाला आदमी हूँ,मालूम नही कल मदिरा को हाथ कैसे लगा लिया,वरना मैं तो कोल्ड ड्रिंक तक नही पीता सर....आज के बाद बिल्कुल ऐसा नही करूँगा, सर.....घर मे कॉल मत करिये, सर... प्लीज् सर... प्लीज... प्लीज... प्लीज सर......"और उसके बाद हम तीनो ने एक साथ बड़ा स "प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज" बोला

"एक-एक अप्लिकेशन तैयार करो और उसमे ये लिखो कि आज के बाद यदि मैने ऐसी ग़लती की तो मुझे आप कॉलेज से सीधे निकाल सकते है..."

"थैंक  यू सर..."

जैसे तैसे जान छूटी तो हम तीनो क्लास की तरफ भागे...लेकिन मुझे ये नही पता था कि वहाँ दीपिका मैम  अपने सीने का दर्द लिए मेरी राह तक रही थी.... वैसे भी उनके सीने से कल रात मै बहुत बार लिपटा था...😑

"May I commmm...."दीपिका मैम  को क्लास के अंदर देखकर मेरी ज़ुबान लड़खड़ा गयी...

"In..."

आज दीपिका मैम  कुछ उखड़ी-उखड़ी सी थी,जहाँ पहले वो अक्सर चलती क्लास के बीच मे मुझे मुस्कुरा कर देखा करती थी... वही आज वो मुझे देख तक नही रही थी. उसने सबसे ,क्लास मे बैठे 60 मे से 59 स्टूडेंट्स से वेलकम पार्टी के बारे मे पुछा ,सिवाय मुझे छोड़कर.....जब इतनी हॉट आइटम जो पहले आप पर फिदा हो और फिर इस तरह से पलटी मार जाए तो दर्द तो होता ही है...लेकिन ये दर्द लेफ्ट साइड वाला ना होकर राइट साइड वाला या फिर कमर के नीचे वाला दर्द था.....

"Have a Nice day, students......"बोलते हुए दीपिका मैम  क्लास से निकल गयी और इसी के साथ रिसेस का टाइम भी हो गया....

दीपिका मैम  के वहाँ से जाने के बाद मैं बहुत देर तक सोचता रहा कि क्या करूँ, उसे मनाऊ या फिर उसी हालत मे छोड़ दूं ,जैसी हालत मे वो है....लेकिन फिर प्रॅक्टिकल के 40 नंबर का ख़याल आया और मैं वहाँ से उठकर सीधे कंप्यूटर लैब  की तरफ बढ़ा....

"गुड आफ्टरनून मैम ..."लैब  के अंदर घुसते ही मैं बोला...

"Explain Conservation of Energy.."

" Energy can neither be created nobe destroyed... It can only transferred from one form to another form...."

"But i can create a relationship as well as delete it... Now sit down, my pet dog..."

"थैंक  यू मैम , मैने सोचा कि कल रात वाली वजह से आप नाराज़ होंगी..."

"स्टैंड अप..."

"क्यूँ..."

"जाके दरवाज़ा बंद करो"

"लेकिन इस बीच यदि कोई आ गया तो..."उस वक़्त मैं दीपिका मैम  की आँखो मे ये झाँकने की कोशिश कर रहा था कि वो करना क्या चाहती है... मेरे से भी ज्यादा सटकी हुई तो कभी कभी ये मुझे लगती है...

"सब टीचर्स मीटिंग के लिए न्यू बिल्डिंग मे गये है सिवाय दो तीन को छोड़कर और यदि इस बीच कोई आ गया तो नुकसान तुम्हारा होगा..."उसने अपना पर्स खोला और लिपस्टिक निकालते हुए बोली"मैं सबको यही बोलूँगी कि ,तुम जबरदस्ती यहाँ घुस आए थे..."

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4 Comments

Kaushalya Rani

26-Nov-2021 06:44 PM

Nice written

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Barsha🖤👑

26-Nov-2021 05:51 PM

बहुत बढ़िया भाग

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Shalini Sharma

22-Sep-2021 11:50 PM

Very nice part

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